Sunday, 16 August 2015
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"पिता" (The Father) पिता ज्यामिति की ऋजु रेखा नहीं है वह त्रिकोणमिति है जो आसमां में उड़ने वाले पक्षियों की ऊंचाई नाप लेता है वह ...
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दोज़ख ए हिन्द कभी सारे जहां की जन्नत कही जाने वाली धरती आज दोज़ख ए हिन्द बन गयी है कल्हण की राजतरंगिणी में वर्णित ये धरती यदि स्वर्ग न...
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"पिता" (The Father) पिता ज्यामिति की ऋजु रेखा नहीं है वह त्रिकोणमिति है जो आसमां में उड़ने वाले पक्षियों की ऊंचाई नाप लेता है वह ...
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"सम्प्रेषण" पल, हफ्ते, महीने छोड़े साथ सभी ने पर हम खड़े रहे साथ-साथ मगर नदी के तट पर न जाने कितने क्यूसेक पानी बह गया नदी ...
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इन गगन चुम्बी ईमारतों में रहने वाले गिद्ध प्राकृतिक गिद्ध से कहीं ज्यादा बुरे हैं क्योंकि प्राकृतिक गिद्ध तो वातावरण के अपशिष्टों को ...
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