Sunday, 16 August 2015
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"पिता" (The Father) पिता ज्यामिति की ऋजु रेखा नहीं है वह त्रिकोणमिति है जो आसमां में उड़ने वाले पक्षियों की ऊंचाई नाप लेता है वह ...
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चल पड़ा हूँ छोड़कर अपना आगार ढूढ़ने मोती डूबता हूँ मैं अथाह सागर चारों तरफ से हो रहे हैं प्रहार समुद्री जीवों के आक्टोपस के पैरों का ...
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प्रात मेँ तू भूल जा कैसी तुफानी रात थी बात मेँ तू याद कर कितनी हँसीँ वह बात थी हम अकेले दूर थे पर बीच मेँ वह रात थी जल रहे थे जहाँ ...
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हां मैंने आंसुओं में काजल घोलकर लिखा है वो धीरोदात्तता मुझमें नहीं कि लिख सकूँ रक्त से मैं विरक्त नहीं अनुरक्त हूँ सशक्त नहीं अ...
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