Friday 21 October 2016

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giri the poet girijesh: GIRIJESHTHEPOET.BLOGSPOT.COM/GIRI THE POET GIRIJES...: Girijeshthepoet My self                     I am an Indian citizen lives in a village of district sultanpur of uttar pradesh a m...


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प्रिय पाठक गण,
                        मेरी रचना ''श्रीमदद्भाग्वद्गीतांजलि'' प्रकाशित हो चुकी है
पुस्तक मंगाने  का पता है :-

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शब्दों की गहराई में उतरोगे तो ज्ञान का मोती मिलेगा।










बौखलाहट डर से पैदा होने वाली एक मानवीय प्रवृत्ति है


महान को महान कहना मजबूरीपर गलत को गलत कहना साहस



पूर्वाग्रह से ग्रसित लोगों को कोई समझा नहीं सकता


कुत्तों का भौंकना समाज में मात्र एक संदेश छोड़ता है कि आप यात्रा में अपने साथ लाठी या डंडा लेकर चलें



विषबेलियों को अगर जड़ से नहीं काटा जाता है तो उसका जहर उस पूरे वृक्ष में फैल जाता है जिस पर वे फैली होती हैं



जो खुद अपना वजूद मिटाने पर तुला हो फिर कौन बचा सकता है उसके वज़ूद को?

The persons who torture their parents never be a good parents.



Isolation is the moment of self criticism which is dangerous in life due to negativity.Isolation is the moment of self criticism which is dangerous in life due to negativity.

सच को सच तो सब कह सकते हैं पर गलत को गलत कहने के लिए जिगर चाहिए




लिख तो मैं भी सकता हूँ बहुत कुछ, पर मजबूर कुछ इस कदर हूँ कि उफ्फ भी नहीं कर सकता
जीवन जन्मदिन मनाने के लिए नहीं कुछ कर दिखाने के लिए मिला है, वरना इतिहास में तटस्थों को भी अपराधी ही माना जाता है।
ये जो बदलाव की जो बयार चल रही है इसमें खुद को बदल सको तो बदल लो वरना जो आंधी दस्तक दे रही है उसमें सब कुछ बदल जायेगा फिर मत कहना कि किसी ने बताया ही नहीं।





ये जो आग तुम लगा रहे हो , याद रहे यही आग एक दिन तुम्हें खाक कर देगी
मैं ये तो नहीं जानता कि मैं जो लिख रहा हूँ उसके शब्द आपको पसंद आये या नहीं पर इतना ज़रूर जानता हूँ कि इस बदलाव की याद अवश्य दिलाएंगे मेरे शब्द तब जबकि न तो मैं रहूं और न आप।


आपको यह समझना होगा कि आप किधर जा रहे हैं क्योंकि हर मोड़ पर रास्ते से भटकाने वाले बैठे हैं।



कितना मुश्किल होता है अपनी गल्तियों को स्वीकारनाजो व्यक्ति अपनी गल्तियों को स्वीकार करना सीख गया , महात्मा बन गया !!!

शतरंज और राजनीति में हर हारने वाले को यह लगता है कि वह जीत के बहुत करीब है, पर अंततः वह मात खा ही जाता है !!!




ये जरूरी नहीं है कि जो मैं सोचता हूँ वो गलत नहीं हो सकता पर ये भी जरूरी नहीं कि जो आप सोचते हो वो भी सही ही हो।



गलती तो गलती ही है चाहे जाने में हो या अनजाने में फर्क बस इतना है कि अनजाने में की गयी गलती क्षम्य है और जानबूझ कर की गई गलती अपराध है।
      
यह समझना होगा कि आप किधर जा रहे हैं क्योंकि हर मोड़ पर रास्ते से भटकाने वाले बैठे हैं।

यदि आप किसी के चेहरे पर मुस्कान नहीं ला सकते तो कम से कम किसी की आँखों में आँसू भी मत लाइये , क्योंकि अंततः वह आप के लिए भी दुखदायी ही होता है ,भले ही वह अज्ञान के कारण दिखे न ।

        
जब व्यक्ति को यह भान हो जाये कि वह जो कुछ करता,कहता अथवा विचारता है, एकमात्र वही सत्य है , तो यह समझ लेना चाहिए कि वह अहं से आवृत हो रहा है जो उसे विनाश की तरफ ले जाता है।


है नहीं परवाह मुझको,क्या करोगे इस जहां में,
हो चुका स्थान निश्चित मेरा तो है उस जहां में

जिस दिन तुम मुझे समझ जाओगे अपनी ही निगाहों में गिर जाओगे।


यदि हम एक भी व्यक्ति को गलत राह से सही राह पर चलने के प्रेरित कर सकें तो हमारा जीवन धन्य हो जायेगा

ये जो फितरत है तुम्हारी वो हम सब कबके समझ चुके हैं, अफसोस है कि तुम ख्वाबों में जी रहे हो।


सोच रही कब होगा अंत कब आएगा मधुर बसंत???

बहुत झकझोरेंगे मेरे शब्द जब मुसीबत दरवाजे पर खड़ी होगी।



जिसके अंदर की मानवता मर चुकी है वो मनुष्य के रूप में पशु ही है।

आशा की लकीरें धीरे धीरे क्षीण हो रही हैं नीरव गगन में मानों दूरियों ने ही तय कर दिया है उनके वज़ूद को


बांटते रहो रेवड़ियाँ जब खत्म हो जाएगी तब क्या बांटोगे क्योंकि लेने वालों की संख्या कभी ना खत्म होने वालों की है।


कुछ लोग ऐसा क्यों समझते हैं कि उनके पास विशेषाधिकार है इस देश में क्या उनके पास देश के नागरिक होने से बड़ी कोई शक्ति है या कोई देवत्व है उनमें??? मेरी समझ में नहीं आता, यदि आपकी समझ में आता हो तो कृपया हमें भी बताइयेगा।


पूर्वाग्रह से ग्रसित लोगों को कोई समझा नहीं सकता



Social media is a game of like , share and comments.
We should use block too.


हम छोटे इसलिये जो कहें वो गलत और आप बड़े इसलिए आप जो कहें वो सही । ये जरूरी नहीं है।

आज का धनवान स्वयं को बुद्धिमान समझता है
यह दुर्भाग्य है



Superstition is generated from illiteracy.
This is the time of symbolism so kindly symbolise thy culture.





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