हर कोई आता है लेकर
लफ्फाजों का एक गट्ठर
और
फेंक देता है मुझ पर
ताकि
मैं बता सकूँ उन्हें तौलकर
कि उनका वजन
मुझसे बहुत ज्यादा है
ताकि
वे खुलकर हँस सकें
खिल्लियाँ उड़ा सकें
मैं बार-बार कोशिश करता हूँ
कि , पलड़े हो जाएँ समान
लेकिन रह जाता हूँ
सदा ही अनजान
मैं बनिया नहीं ,
बटखरा हूँ
और यही है
मेरी उपलब्धि
गिरिजेश''गिरि''
INEQUALITY
Everyone comes with the bundle of spoils And throws it to me ,So that I can tell them by weighing that their weight is too more than me So that they can laugh freely to make me ashamed. I just try again and again to make equal, but stay away unknown. I'm not a bribe,but a weight And this is my achievement.
Girijesh '' Giri ''
लफ्फाजों का एक गट्ठर
और
फेंक देता है मुझ पर
ताकि
मैं बता सकूँ उन्हें तौलकर
कि उनका वजन
मुझसे बहुत ज्यादा है
ताकि
वे खुलकर हँस सकें
खिल्लियाँ उड़ा सकें
मैं बार-बार कोशिश करता हूँ
कि , पलड़े हो जाएँ समान
लेकिन रह जाता हूँ
सदा ही अनजान
मैं बनिया नहीं ,
बटखरा हूँ
और यही है
मेरी उपलब्धि
गिरिजेश''गिरि''
INEQUALITY
Everyone comes with the bundle of spoils And throws it to me ,So that I can tell them by weighing that their weight is too more than me So that they can laugh freely to make me ashamed. I just try again and again to make equal, but stay away unknown. I'm not a bribe,but a weight And this is my achievement.
Girijesh '' Giri ''
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